गुरुवार, २८ जुलै, २०११

जिंदगी न मिले दोबारा ..........

जिंदगी न मिले दोबारा खुल के जी ले इसे 
ना खोना उलझनों में ,या टकराना दर्द की कश्तियों से............

खो जाना अपनी तनहाईयो में,खुद को पाने के लिये
मिल जायेगा नया रस्ता खुद को आजमाने के लिये.........

थककर हार न जाना अगर ना मिले उम्मीद का ठिकाना
सुनते रहना दिल की आवाज,जो बना दे तुज को दिवाना........

साथी मिलते रहेंगे,आगे बढते जाना तुम
दिल कभी टुटे तो,मुस्कुराके इसे छुपाना तुम......

शाम की गहराईयों में ,यादों को गले लगाना तुम
धुंदली सुबह के साथ नया रिश्ता बनाना तुम.....

हर डर को जीने की रखना दिल में उमंग
जीतोगे तो उडा सकोगे,विश्वास से उंची पतंग.....

खुद से कभी होकर अंजना,
कोशिश करना हर पल को जीने की
खुद ही समझ जाओगे एक दिन ,
क्या एमीयत है जिंदगी की .......

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